क्रिसमस | Article on Christmas in Hindi!
विश्व की जनसंख्या का बहुत बड़ा भाग ईसाई धर्म को मानता है । इसके अतिरिक्त इंग्लैण्ड जैसे ईसाई देश का साम्राज्य बहुत से देशों पर रहा है । वैसे भी ईसाई धर्म सहनशीलता, परस्पर प्रेम, अहिंसा और विश्व भ्रातृभाव का धर्म है । इस कारण ईसाई धर्म का प्रभाव
ईसाई धर्म की स्थापना हजरत ईसा मसीहा ने की थी । उन्होंने घृणा, ईर्ष्या, द्वेष और शत्रुता से युक्त विश्व को विश्व बंधुत्व, अहिंसा, प्रेम और सहिष्णुता का संदेश दिया था और इन्हीं शाश्वत सिद्धान्तों पर ईसाईधर्म की नीव रखी थी । पूरी मानव जाति के कल्याण के लिए उन्होंने अपना बलिदान दे दिया था । आज पूरा विश्व उनके उपकार को मानता है ।
क्रिसमस को बड़ा दिन भी कहते हैं । ऐसा विश्वास किया जाता है कि, इस दिन हजरत ईसा मसीह का जन्म हुआ था । हजरत इसा मसीह पैगम्बर ( ईश्वर का दूत ) थे ।
उन्हें इश्वर का पुत्र भी कहा जाता है । मानव जाति के कष्टों को दूर करने के लिए हजरत ईसा मसीह का आगमन हुआ था । क्रिसमस का त्योहार हजरत ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है । यह ईसाइयों का सबसे पावन त्योहार है । हो भी क्यों न क्योंकि हजरत ईसा मसीह के जन्म की घटना कोई कम महत्त्व की तो नहीं थी ।
क्रिसमस का त्योहार हजरत ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है । यह ईसाइयों का सबसे पावन त्योहार है । हो भी क्यों न क्योंकि हजरत ईसा मसीह के जन्म की घटना कोई कम महत्त्व की तो नहीं थी ।
क्रिसमस के आगमन से कई दिन पूर्व इसकी तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं । बाजारों में खूब चहल-पहल रहती है । दुकानें खूब सजाई जाती
लोग सुन्दर और रंग बिरंगे बधाई कार्ड खरीदते हैं और मित्र तथा सम्बन्धियों को भेजते हैं । क्रिसमस का पावन त्योहार मुख्य रूप से ईसाइयों के धार्मिक स्थल गिरजाधरों में मनाया जाता है ।
इस अवसर पर गिरजाघरों को विशेष रूप से सजाया जाता है । ईश्वर तथा ईसा मसीह की स्तुति में भजन तथा प्रार्थनाओं के पूर्व अभ्यास किये जाते हैं । क्रिसमस के दिन लोग सुबह उठते हैं ।
नहा – धोकर सुंदर वस्त्र पहनकर भारी संख्या में पहुँचते हैं । वहाँ बड़ी श्रद्धा से सामूहिक प्रार्थनाएँ की जाती हैं । ईसाइयों की पावन पुस्तक
विश्व में क्रिसमस का मुख्य समारोह वेटिकन सिटी में होता है । वहाँ विश्व भर के ईसाई वेटिकन सिटी में एकत्र होते हैं । ईसाई धर्म प्रमुख पोप की उपस्थिति में वहाँ प्रार्थना होती है और बाईबिल का पाठ किया जाता है । पोप भक्तों को आशीर्वाद देता है ।
वेटिकन सिटी को खूब सजाया जाता है । घरों में क्रिसमस का पेड़ बनाया जाता है । विभिन्न प्रकार के उपहार लाकर इस वृक्ष के नीचे रखे जाते हैं । देर रात गए लोग वहाँ एकत्र होते हैं और अपने – अपने उपहार लेते हैं ।
इसी अवसर पर परिवार का कोई सदस्य सेंटाक्लाँज का स्वरूप बनाता है
अपने मित्रों तथा सम्बन्धियों को क्रिसमस की मुबारकबाद दी जाती है । परस्पर उपहारों का आदान-प्रदान होता है । क्रिसमस का पर्व जहाँ एक ओर खुश रहने का अवसर प्रदान करता है वहाँ दूसरी ओर पैगम्बर ईसा तथा उनके प्रेम, भाईचारे तथा सहिष्णुता के संदेश को स्मरण कराता है।
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